"स्वतंत्रता दिवस 2025: बिहार अभियंत्रण महाविद्यालयों में देशभक्ति का उत्सव — गया इंजीनियरिंग कॉलेज का पहला एनसीसी परेड"

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"स्वतंत्रता दिवस 2025: बिहार अभियंत्रण महाविद्यालयों में देशभक्ति का उत्सव — गया इंजीनियरिंग कॉलेज का पहला एनसीसी परेड बना आकर्षण"


"बिहार के अभियंत्रण महाविद्यालयों में स्वतंत्रता दिवस 2025 हर्षोल्लास से मनाया गया। गया इंजीनियरिंग कॉलेज में पहली बार एनसीसी परेड, टॉपर सम्मान और विकास कार्यों की घोषणाएं हुईं।"



 















भूमिका — आज़ादी का एहसास

15 अगस्त की सुबह जब पहली किरण धरती पर उतरी, तो बिहार के अभियंत्रण महाविद्यालयों के प्रांगण में एक अलग ही चहल-पहल थी। तिरंगे के रंगों से सजे प्रवेश द्वार, बच्चों के हाथों में लहराते छोटे-छोटे झंडे, और लाउडस्पीकर से गूंजते देशभक्ति गीत—ऐसा लग रहा था मानो पूरा वातावरण कह रहा हो, “आज का दिन खास है।”

गया अभियंत्रण महाविद्यालय का परिसर भी इस उत्सव में पूरी तरह रंगा था। यहां स्वतंत्रता दिवस इस बार और भी खास रहा, क्योंकि पहली बार एनसीसी प्रशिक्षण प्राप्त छात्रों ने परेड का भव्य प्रदर्शन किया।


गया अभियंत्रण महाविद्यालय का पहला एनसीसी परेड — एक नया अध्याय

कॉलेज के मैदान में जब एनसीसी के छात्र कदमताल करते हुए आगे बढ़े, तो दर्शकों की आंखें उत्साह से चमक उठीं। यह नज़ारा किसी खेल के पहले मैच जैसा रोमांचक था।
कमांडर की दृढ़ आवाज़ — "एक, दो, तीन, चार!" — के साथ छात्र पूरी अनुशासन और तालमेल में आगे बढ़ रहे थे। दर्शक दीर्घा में बैठे छात्र, अभिभावक और शिक्षक गर्व से तालियां बजा रहे थे।

किसी ने पास खड़े अपने मित्र से फुसफुसाकर कहा, “अरे, ये तो फिल्मी परेड जैसा लग रहा है!” और सच में, पहली बार हुआ यह आयोजन कॉलेज के इतिहास में एक मील का पत्थर बन गया।


टॉपर छात्रों का सम्मान — मेहनत का फल

कार्यक्रम में यूनिवर्सिटी परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को मंच पर सम्मानित किया गया।
जब मंच से उनके नाम पुकारे गए, तो उनके चेहरों पर झलकता आत्मविश्वास और  आंखों में चमक, दोनों ही दिल को छू रहे थे।
जैसे किसी खिलाड़ी को पदक मिलने के बाद उसका चेहरा चमक उठता है, वैसे ही इन छात्रों की मुस्कान मेहनत की जीत बयां कर रही थी।


प्राचार्य डॉ. राजन सरकार का संबोधन — विकास की राह पर कॉलेज

प्राचार्य डॉ. राजन सरकार ने अपने संबोधन में कॉलेज की प्रगति पर प्रकाश डाला।
उन्होंने सबसे पहले उस समस्या का ज़िक्र किया जो शायद हर छात्र और शिक्षक महसूस करता है — कॉलेज तक पहुंचने वाली खराब सड़क।
उनके शब्द थे, “अब यह गड्ढों से बचने का खेल नहीं खेलना पड़ेगा, सड़क को जल्द ही नया रूप दिया जाएगा।”

इसके बाद उन्होंने विकास की योजनाएं साझा कीं:

  • वास्तुकला (आर्किटेक्चर) विभाग के लिए नया शैक्षणिक भवन।

  • 300 बिस्तरों वाला छात्रावास।

  • 200 बिस्तरों वाला छात्राओं का छात्रावास।

उन्होंने विद्यार्थियों को नियमित रूप से कक्षाओं में उपस्थित रहने और पढ़ाई में पूरी लगन लगाने की सलाह भी दी।


ऐसे आयोजन क्यों ज़रूरी हैं?

ऐसे राष्ट्रीय पर्व न केवल देशभक्ति की भावना जगाते हैं, बल्कि अनुशासन, एकजुटता और नेतृत्व के गुण भी सिखाते हैं।
किताबें हमें ज्ञान देती हैं, लेकिन ऐसे आयोजनों में भाग लेकर हम अपने भीतर की ऊर्जा और जिम्मेदारी को पहचानते हैं।
जैसे बारिश के बाद मिट्टी की खुशबू हमारे मन को भिगो देती है, वैसे ही स्वतंत्रता दिवस का माहौल दिल को देशप्रेम से भर देता है।


कार्यक्रम की प्रमुख झलकियां

  • तिरंगे के साथ मुख्य अतिथियों द्वारा ध्वजारोहण।

  • एनसीसी परेड का पहला आयोजन।

  • विश्वविद्यालय टॉपर छात्रों का सम्मान।

  • कॉलेज विकास योजनाओं की घोषणाएं।


समापन — तिरंगे के तीन रंग, तीन सीख

जब समारोह के अंत में तिरंगा हवा में लहराया, तो लगा जैसे उसके तीन रंग हमें तीन अलग-अलग संदेश दे रहे हों —
केसरिया रंग हिम्मत का,
सफेद रंग शांति का,
और हरा रंग उम्मीद का।

गया अभियंत्रण महाविद्यालय में इस वर्ष का स्वतंत्रता दिवस केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि आने वाले कल की प्रेरणा बन गया।


आपकी बारी

आपके महाविद्यालय में स्वतंत्रता दिवस कैसे मनाया गया?
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